30 अप्रैल 2012
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा के अगवा जिलाधिकारी एलेक्स पाल मेनन को जल्द ही रिहा करने पर सहमति बनती दिख रही है। नक्सलियों के वार्ताकार और सरकार मध्यस्थों के बीच सोमवार रात इस पर सहमति बनी कि नक्सलियों की मांगों पर विचार करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति बने। नक्सलियों के वार्ताकार हैदराबाद के प्रोफेसर जी. हरगोपाल एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी बी.डी. शर्मा और सरकार के मध्यस्थों मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच और राज्य के पूर्व मुख्य सचिव एस.के. मिश्रा के बीच सोमवार रात एक मसौदे पर सहमति बनी जिससे मेनन के जल्द रिहाई की उम्मीद जगी।
इससे पहले मेनन को छुड़ाने पर सर्वसम्मति बनाने के लिए सरकार एवं नक्सलियों द्वारा मध्यस्थों के बीच वार्ता सोमवार को दोबारा शुरू हुई। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने जिलाधिकारी को छोड़ने के एवज में नक्सलियों की ताजा मांगों पर शीर्ष अधिकारियों के साथ सलाह मशविरा किया।
नक्सलियों द्वारा नियुक्त मध्यस्थ हैदराबाद के प्रोफेसर जी. हरगोपाल एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी बी.डी. शर्मा और राज्य सरकार के मध्यस्थों मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच और राज्य के पूर्व मुख्य सचिव एस.के. मिश्रा के साथ सोमवार दोपहर को दोबारा वार्ता शुरू हुई। इस वार्ता से पहले मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने नक्सलियों की कुछ नई मांगों पर चर्चा की।
नक्सलियों ने 2006 बैच के आईएएस अधिकारी मेनन को 21 अप्रैल को अगवा कर लिया था और उनके दो अंगरक्षकों की हत्या कर दी थी। नक्सलियों ने प्रारम्भ में जिलाधिकारी को छोड़ने के एवज में 17 कैदियों की रिहाई एवं नक्सल विरोधी ऑपरेशन ग्रीन हंट को पूरी तरह से बंद करने की मांग की थी।
इधर अपुष्ट खबरों के अनुसार नक्सलियों ने अपने मध्यस्थों हरगोपाल एवं शर्मा के द्वारा कुछ नई मांगें रखी। दोनों मध्यस्थ नक्सलियों से वार्ता करने के लिए शनिवार रात सुकमा के जंगल में बिताई थी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया, "छत्तीसगढ़ सरकार को मेनन को सुरक्षित छुड़ाने के लिए कुछ गम्भीर प्रकृति के कानूनी एवं तकनीकी बाधाओं को हटाना होगा। आशा है कि दोनों पक्षों के मध्यस्थ एक दो दिनों में आपसी सहमति बना लेंगे।"
नक्सलियों द्वारा नियुक्त मध्यस्थ हैदराबाद के प्रोफेसर जी. हरगोपाल एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी बी.डी. शर्मा सरकार का संदेश लेकर सरकारी हेलीकॉप्टर से शनिवार सुबह बस्तर के लिए रवाना हुए थे। वे नक्सलियों का जवाब लेकर रविवार सुबह जंगल से बाहर आए।
दोनों वार्ताकारों ने शनिवार सुबह रवाना होने से पहले गुरुवार एवं शुक्रवार को तीन दौर की वार्ता की थी।
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